मुंबई. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने रेपो रेट से जुड़े कर्ज की ब्याज दरों में 0.25% कटौती की है। इसके बाद वेतनभोगी ग्राहकों के लिए ब्याज दर 8.05% से घटकर 7.80% हो जाएगी। हालांकि, ग्राहकों के रिस्क प्रोफाइल को देखते हुए इस रेट के ऊपर भी कुछ ब्याज लिया जाएगा, जिससे प्रभावी ब्याज दर बढ़ जाएगी। जैसे सैलरीड क्लास के लिए 30 लाख रुपए तक होम लोन पर 0.15% दर ज्यादा होगी, इस तरह उनके लिए प्रभावी ब्याज दर 7.95% होगी। नई दरें एक जनवरी से लागू होंगी। ब्याज दरों में कटौती का फायदा नए ग्राहकों के साथ ही पुराने ग्राहकों को भी मिलेगा, क्योंकि उनकी रीसेट डेट भी एक जनवरी है। एसबीआई के रेपो रेट वाले ग्राहकों की रीसेट डेट तीन महीने में आती है। पिछली तारीख 1 अक्टूबर थी।
1 अक्टूब से ब्याज दरों को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य
आरबीआई ने 1 अक्टूबर से ब्याज दरों को रेपो रेट या सरकार के ट्रेजरी बिल यील्ड जैसे बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य किया था। एसबीआई ने रेपो रेट का विकल्प चुना था। इससे पहले एसबीआई और अन्य बैंक सिर्फ मार्जिनल कॉस्ट बेस्ट फंड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) पर आधारित लोन देते थे। इस व्यवस्था के तहत बैंकों पर रेपो रेट में कटौती के हिसाब से दरें घटाने का दबाव नहीं था। ऐसे में ग्राहकों को आरबीआई के रेट कट का पूरा फायदा नहीं मिल रहा था, इसलिए ब्याज दरों को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ना अनिवार्य किया था।
एमसीएलआर से जुड़े ग्राहकों को इसका फायदा नहीं
एसबीआई ने अभी जो कटौती की है वह रेपो लिंक लोन के लिए ही हैं। यानी एमसीएलआर वाले ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिलेगा। एमसीएलआर वाले ग्राहक चाहें तो रेपो रेट पर शिफ्ट हो सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ शुल्क चुकाना पड़ेगा। इस शुल्क के बारे में एसबीआई ने कभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी।